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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :224
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2802
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - ८ :
भाषा का उद्भव एवं विकास, भाषा परिवर्तन, ध्वनि व अर्थ परिवर्तन की दिशायें एवं कारण

प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

मानव भाषा की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जिसके बिना मानव अपने विचारों, भावनाओं और ज्ञान को अद्यतित करने और साझा करने की क्षमता से वंचित रहता। भाषा हमारे समाज की आधारशिला होती है और हमारे सामाजिक, व्यक्तिगत और कार्यालयिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए, भाषा की उत्पत्ति और विकास का अध्ययन मानव सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलू को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

भाषा की उत्पत्ति

भाषा की उत्पत्ति का इसको केवल तात्विक संशोधनों और तथ्यों के आधार पर समझाया जा सकता है कि मानव भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई हो सकती है।

१. वृक्ष - मानव कृषि की उत्पत्ति

एक सुझाव यह है कि भाषा की उत्पत्ति वृक्ष - मानव कृषि की उत्पत्ति के साथ हुई हो सकती है। जब मानव अपने बारे में और अपने कार्यों के बारे में और अधिक सोचने और चर्चा करने लगे, त बवह वाणी का उपयोग करने लगे, जिससे उनके बीच भाषा की आरंभिक रूप में विकास हुआ।

२. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण - कुछ मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण विशेषज्ञ यह मानते हैं कि मानव भाषा की उत्पत्ति व्यक्तिगत मानसिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हुई, जैसे कि भावनाओं, इच्छाओं और धारणाओं को संवाद में व्यक्त करने की आवश्यकता हुई।

३. इमिटेशन और गेस्वर में उत्पत्ति - कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि मानव भाषा की उत्पत्ति इमिटेशन और गेस्चर के माध्यम से हुई हो सकती है, जिसमें लोग आपसी संवाद के लिए हाथ, मुख, और शरीर के चिन्हों का उपयोग करने लगे।

भाषा की विकास - भाषा की विकास मानव सभ्यता के विकास के साथ ही हुआ है, और यह निरंतर बदलती रही है। भाषा की विकास के विभिन्न स्तर हैं-

१. ध्वन्यात्मक विकास - बच्चे जब पैदा होते हैं, तो उनकी ध्वन्यात्मक विकास शुरू होता है, जिसमें वे विभिन्न ध्वनियों को-सीखते हैं और उन्हें सही तरीके से उच्चारित करने का प्रयास करते हैं।

२. शब्दात्मक विकास - जब बच्चे बड़े होते हैं, तो वे शब्द सीखने और उपयोग करने में अधिक सक्षम होते हैं। इसमें नए शब्दों के साथ अर्थ समझने और उपयोग करने की क्षमता शामिल होती है।

३. वाक्यात्मक विकास - इस विकास के साथ, बच्चे वाक्यों का निर्माण करने और वाक्य संरचना को समझने में सुधार करते हैं। वे वाक्यों के विभिन्न भागों को सही तरीके से संयोजन करने का प्रयास करते हैं।

४. सांकेतिक विकास - इस विकास के साथ, बच्चे शब्दों का अर्थ समझने की क्षमता विकसित करते हैं और वे शब्दों को विभिन्न संदर्भों में प्रयोग करने में सुधार होता है।

५. सामाजिक विकास - इस विकास के साथ, बच्चे सामाजिक संवाद में भाग लेने की क्षमता विकसित करते हैं और वे विभिन्न प्रकार के संवादों में सही तरीके से व्यवहार करने का सीखते हैं।

भाषा की विकास प्रक्रिया जीवन के विभिन्न मानव संबंधों के साथ जुड़ी होती है और यह व्यक्ति के सामाजिक और मानसिक विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भाषा न केवल हमारे विचारों को व्यक्त करने का साधन है, बल्कि यह हमारे सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है और हमारे समाज के विकास को समर्थन करने में मदद करती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- निम्नलिखित क्रियापदों की सूत्र निर्देशपूर्वक सिद्धिकीजिये।
  2. १. भू धातु
  3. २. पा धातु - (पीना) परस्मैपद
  4. ३. गम् (जाना) परस्मैपद
  5. ४. कृ
  6. (ख) सूत्रों की उदाहरण सहित व्याख्या (भ्वादिगणः)
  7. प्रश्न- निम्नलिखित की रूपसिद्धि प्रक्रिया कीजिये।
  8. प्रश्न- निम्नलिखित प्रयोगों की सूत्रानुसार प्रत्यय सिद्ध कीजिए।
  9. प्रश्न- निम्नलिखित नियम निर्देश पूर्वक तद्धित प्रत्यय लिखिए।
  10. प्रश्न- निम्नलिखित का सूत्र निर्देश पूर्वक प्रत्यय लिखिए।
  11. प्रश्न- भिवदेलिमाः सूत्रनिर्देशपूर्वक सिद्ध कीजिए।
  12. प्रश्न- स्तुत्यः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
  13. प्रश्न- साहदेवः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
  14. कर्त्ता कारक : प्रथमा विभक्ति - सूत्र व्याख्या एवं सिद्धि
  15. कर्म कारक : द्वितीया विभक्ति
  16. करणः कारकः तृतीया विभक्ति
  17. सम्प्रदान कारकः चतुर्थी विभक्तिः
  18. अपादानकारकः पञ्चमी विभक्ति
  19. सम्बन्धकारकः षष्ठी विभक्ति
  20. अधिकरणकारक : सप्तमी विभक्ति
  21. प्रश्न- समास शब्द का अर्थ एवं इनके भेद बताइए।
  22. प्रश्न- अथ समास और अव्ययीभाव समास की सिद्धि कीजिए।
  23. प्रश्न- द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक) पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- द्वन्द्व समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  25. प्रश्न- अधिकरण कारक कितने प्रकार का होता है?
  26. प्रश्न- बहुव्रीहि समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  27. प्रश्न- "अनेक मन्य पदार्थे" सूत्र की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
  28. प्रश्न- तत्पुरुष समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  29. प्रश्न- केवल समास किसे कहते हैं?
  30. प्रश्न- अव्ययीभाव समास का परिचय दीजिए।
  31. प्रश्न- तत्पुरुष समास की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- कर्मधारय समास लक्षण-उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- द्विगु समास किसे कहते हैं?
  34. प्रश्न- अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं?
  35. प्रश्न- द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
  36. प्रश्न- समास में समस्त पद किसे कहते हैं?
  37. प्रश्न- प्रथमा निर्दिष्टं समास उपर्सजनम् सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  38. प्रश्न- तत्पुरुष समास के कितने भेद हैं?
  39. प्रश्न- अव्ययी भाव समास कितने अर्थों में होता है?
  40. प्रश्न- समुच्चय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- 'अन्वाचय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
  42. प्रश्न- इतरेतर द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- समाहार द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरणपूर्वक समझाइये |
  44. प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
  45. प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
  46. प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति के प्रत्यक्ष मार्ग से क्या अभिप्राय है? सोदाहरण विवेचन कीजिए।
  47. प्रश्न- भाषा की परिभाषा देते हुए उसके व्यापक एवं संकुचित रूपों पर विचार प्रकट कीजिए।
  48. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- भाषा-विज्ञान के क्षेत्र का मूल्यांकन कीजिए।
  50. प्रश्न- भाषाओं के आकृतिमूलक वर्गीकरण का आधार क्या है? इस सिद्धान्त के अनुसार भाषाएँ जिन वर्गों में विभक्त की आती हैं उनकी समीक्षा कीजिए।
  51. प्रश्न- आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ कौन-कौन सी हैं? उनकी प्रमुख विशेषताओं का संक्षेप मेंउल्लेख कीजिए।
  52. प्रश्न- भारतीय आर्य भाषाओं पर एक निबन्ध लिखिए।
  53. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा देते हुए उसके स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
  54. प्रश्न- भाषा के आकृतिमूलक वर्गीकरण पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- अयोगात्मक भाषाओं का विवेचन कीजिए।
  56. प्रश्न- भाषा को परिभाषित कीजिए।
  57. प्रश्न- भाषा और बोली में अन्तर बताइए।
  58. प्रश्न- मानव जीवन में भाषा के स्थान का निर्धारण कीजिए।
  59. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा दीजिए।
  60. प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- संस्कृत भाषा के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिये।
  62. प्रश्न- संस्कृत साहित्य के इतिहास के उद्देश्य व इसकी समकालीन प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिये।
  63. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन की मुख्य दिशाओं और प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
  64. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारणों का उल्लेख करते हुए किसी एक का ध्वनि नियम को सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  65. प्रश्न- भाषा परिवर्तन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- वैदिक भाषा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- वैदिक संस्कृत पर टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- संस्कृत भाषा के स्वरूप के लोक व्यवहार पर प्रकाश डालिए।
  69. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के कारणों का वर्णन कीजिए।

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